ख़ामोशी
ख़ामोशी तो हमारे मिजाज़ में थीबता कर उसे हमारा अंदाज़आपने तो सरेआम बदनाम कर दिया
हां और ना
हां और ना मेंउसने ना को चुनाक्योंकि बढ़ना तो आसान हैफिर मुड़ना कहां
बदलाव
पानी का रंग बदलना तो सब ने देखा है,पर क्या तुमने पानी का दूसरों को रंगना देखा…
वक़्त
घड़ी घड़ी वक़्त बीता जा रहा हैफिर भी हम सही समय के इंतज़ार मेंकीमती पल गवाएं जा…